वैरा नाच्यम, नौरता, बैगा करमा कर्मासेला, राठवा, तलवार रास, 10 अवतार वर्णन एवं कत्थक से सजी शाम

वैरा नाच्यम, नौरता, बैगा करमा कर्मासेला, राठवा, तलवार रास, 10 अवतार वर्णन एवं कत्थक से सजी शाम

*मालवा उत्सव  शिल्प मेले आज रही चहल-पहल*

*वैरा नाच्यम, नौरता, बैगा करमा कर्मासेला, राठवा, तलवार रास, 10 अवतार वर्णन एवं कत्थक से सजी शाम*

*मालवी व्यंजन कर रहे लोगो को आकर्षित*

इंदौर। मालवा उत्सव इंदौर की पहचान बन चुका है और इस उत्सव का इंतजार वर्ष भर से इंदौर ही नहीं इंदौर के आसपास एवं प्रदेश के लोगों को भी रहता है। मालवा ही नहीं देश की लोक कला एवं शिल्प कला को समृद्ध करने का कार्य लोक संस्कृति मंच के द्वारा किया जा रहा है ।आज लालबाग पर दोपहर से ही लोगों की चहल-पहल शुरू हो गई थी।

लोक संस्कृति मंच के संयोजक एवं सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि शिल्प मेला प्रतिदिन सायंकाल 4:00 बजे से प्रारंभ हो रहा है इसमें छत्तीसगढ़ का ब्लैक आयरन शिल्प जिसमें लोहे को पिघला कर पीट-पीटकर हिरण शेर सहित कई प्रकार की महीना कृतियां तैयार की जाती है मिल रहा है साथ ही छत्तीसगढ़ का ब्रास शिल्प भी यहां पर मौजूद है जिसमें बुद्ध ,भगवान शिव की मूर्तियां ,घंटियां सहित कई आर्टिकल मिल रहे हैं वही नागालैंड का ड्राई फ्लावर उत्तर प्रदेश के कालीन महेश्वर की माहेश्वरी साड़ियां यहां पर मौजूद है। लगभग 350 से अधिक शिल्पकार अपनी कला यहां पर प्रदर्शित करने एवं बनाए गए उत्पाद विक्रय करने आए हैं।

*सांस्कृतिक प्रस्तुतियां*
लोक संस्कृति मंच के सतीश शर्मा एवं विशाल गिद्वानी ने बताया कि आज मालवा उत्सव में आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा जिले के राजमुंदरी से आए 15 कलाकारों ने भगवान की सेवा परंपरा पर आधारित वैरा नाचयम प्रस्तुत किया जिसमें धोती एवं लाल कुर्ते के साथ में  ताशा, नादस्वरम, डंके रूपी वाद्य के साथ सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने लोहे की राड पर जलती हुई आग से करतब दिखाये। वही कुंवारी कन्याओं के द्वारा किया जाने वाला नृत्य नौरता जिसे बुंदेलखंड अंचल में अच्छे जीवनसाथी की कामना के लिए किया जाता है सुंदरबन पड़ा था मध्य प्रदेश के डिंडोरी से आए बैगा जनजाति के कलाकारों द्वारा बैगा करमा नृत्य जिसे दशहरे फसल काटने के समय एवं पारिवारिक कार्यक्रमों में खुशी के लिए किया जाता है प्रस्तुत किया गया यह आदिवासी अंचल की एक खूबसूरत  पेशकश थी। छोटा उदयपुर गुजरात से आए कलाकारों द्वारा गुजरात का प्रसिद्ध राठवा नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसमें पिरामिड बनाकर लोगों की दाद बटोरी गई। नेशनल स्कूल का कथक की श्वेता श्रीवास्तव एवं साथियों द्वारा मालवा की राजपूतानियों के रूप मे नृत्य एवं तलवार रास प्रस्तुत किया गया। अपूर्वा गुप्ता एवं साथियों द्वारा विष्णु के 10 अवतारों का वर्णन अंगों एवं मुद्राओं की सहायता से खूबसूरती से प्रदर्शित किया गया अमित साखरे एवं साथियों द्वारा कथक के माध्यम से शिव स्तुति तीन ताल में शुद्ध नृत्य उपज ठाट आमद तोड़े प्रस्तुत किए गए वही कविता तिवारी एवं साथियों द्वारा नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय पर सुंदर प्रस्तुति दी।

*मालवी व्यंजन रहे पसंद*
 लोक संस्कृति मंच के पवन शर्मा एवं संकल्प वर्मा ने बताया कि देश के लोगों की स्वाद की पसंद बन चुके मालवा के व्यंजन यहां भी लोगों की खास पसंद बने हुए थे लोग जहां दाल बाटी का लुत्फ उठा रहे थे और मालवा की मटका कुल्फी भी  ठंडक दे रही थी वही गुजरात के व्यंजन भी यहां पर काफी पसंद किए गए मुंबई महाराष्ट्र का बड़ा पाव एवं साउथ इंडियन डोसा इडली भी यहां मौजूद थी।
11 मई के कार्यक्रम
नितिन तापड़िया ने बताया कि 10 मई को शिल्प मेला 4:00 से प्रारंभ होगा एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में घूमर, छाऊ पश्चिम बंगाल वीर नाट्यम पंथी ढोलकुनीथा , प्राचीन गरबा एवं स्थानीय प्रस्तुतियां होगी।